प्रयागराज महाकुंभ: आवाहन अखाड़ा के संतों और प्रशासन के बीच भूमि को लेकर बढ़ी तकरार
महाकुंभ के आयोजन से पहले, आवाहन अखाड़ा के संतों और मेला प्रशासन के बीच जमीन की सुविधा को लेकर तकरार बढ़ गई है। अखाड़े ने आरोप लगाया है कि उन्हें अपेक्षित भूमि नहीं दी गई है, जिसके कारण संतों ने सेक्टर-19 स्थित आवाहन नगर में अपने शिविर स्थापित कर लिए हैं। इस बीच, मेला प्रशासन का आरोप है कि आवाहन अखाड़ा के संतों ने 50 से अधिक प्लॉटों पर अनधिकृत कब्जा कर लिया है, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई है।
घटना के बाद, पुलिस और मेला प्रशासन के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर कुछ टेंट हटवाने का प्रयास किया, जिसके बाद नागा संतों में नाराजगी फैल गई। प्रशासन की कार्रवाई के विरोध में नागा संतों की भीड़ एकत्र हो गई। महाकुंभ को लेकर आवाहन अखाड़ा के सैकड़ों संत प्रयागराज पहुंच गए हैं।
सोमवार को प्रशासन ने फिर से कब्जे हटाने के लिए अधिकारियों को मौके पर भेजा, लेकिन संतों का विरोध और बढ़ गया। अधिकारियों को भारी विरोध का सामना करना पड़ा, और स्थिति नियंत्रण से बाहर होती दिखी। पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ाने के लिए पीएसी के जवानों को तैनात कर दिया है। आवाहन अखाड़ा के नागा फोर्स के हेड कमांडर मणि महेश गिरि ने बताया कि 2019 के कुंभ मेला में इसी भूमि पर संतों ने डेरा डाला था, और वे उसी स्थान पर अब भी शिविर लगाए हुए हैं। आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अरुण गिरि ने भी कहा कि यह वही स्थल है, जहां 2013 और 2019 के महाकुंभ में संतों ने शिविर लगाए थे, और अब प्रशासन उन्हें वहां से हटा रहा है। स्वामी अरुण गिरि ने मेला प्रशासन की कार्रवाई को अनुचित बताया, और कहा कि इस कारण एक नागा संत की मृत्यु हो गई है।
अनधिकृत कब्जा हटवाया जाएगा
वहीं, महाकुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने स्पष्ट किया कि सेक्टर-19 में आवाहन अखाड़ा के संतों द्वारा किया गया कब्जा गलत था। उन्होंने कहा कि कुछ कब्जे हटवा दिए गए हैं और जो शेष हैं, उन्हें भी हटवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी को भी कब्जे के आधार पर जमीन या अन्य सुविधाएं नहीं दी जा सकती, क्योंकि यह नियम और परंपरा के खिलाफ है।
स्थिति तनावपूर्ण होने के बावजूद प्रशासन ने मेला क्षेत्र में शांति बनाए रखने की कोशिश की है, और आगे की कार्रवाई के लिए प्रयास जारी हैं।
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