महाकुंभ में भगदड़ के बाद प्रशासन ने उठाए सख्त कदम, 30 से अधिक मौतें और 60 घायल
महाकुंभ मेला के दौरान मौनी अमावस्या से पहले संगम तट पर मची भगदड़ ने 30 से अधिक लोगों की जान ले ली, जबकि 60 से अधिक लोग घायल हो गए। घटना के बाद प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मेला क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। वाहनों की मेला क्षेत्र में प्रवेश पर प्रतिबंध और सड़क मार्गों पर वन-वे व्यवस्था लागू कर दी गई है। इस घटनाक्रम के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिम्मेदार अधिकारियों के साथ बैठक की और सुरक्षा एवं व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कई निर्देश जारी किए। इन बदलावों को बसंत पंचमी तक लागू रखा जाएगा।

महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या के स्नान के समय संगम तट पर भगदड़ मचने से दर्जनों लोग घायल हो गए थे। मृतकों की संख्या बढ़कर 30 हो गई, जबकि 60 से अधिक श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हुए हैं। यह घटना मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ के कारण हुई, जो सुरक्षा इंतजामों की कमी को उजागर करती है।
भगदड़ के बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए मेला क्षेत्र में कई बदलाव किए हैं। अब महाकुंभ मेला क्षेत्र में वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। काली रोड और लाल मार्ग पर वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा, मेला क्षेत्र में पार्किंग को भी पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। इन उपायों के तहत वाहनों का प्रवेश नहीं हो पा रहा है, जिससे श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
घटना के बाद प्रयागराज के सभी रेलवे स्टेशनों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। इसके मद्देनजर, प्रशासन ने सभी ट्रेनों का संचालन सुनिश्चित किया है और अतिरिक्त बसें भी लगाई गईं हैं ताकि श्रद्धालु अपनी घर वापसी कर सकें। एडीजी और जिलाधिकारी प्रयागराज के नेतृत्व में अधिकारियों की टीमें लगातार रेलवे और बस स्टेशनों पर श्रद्धालुओं की मदद कर रही हैं।
महाकुंभ में भारी भीड़ से निपटने के लिए प्रशासन ने कई नए प्रबंध किए हैं। मेला क्षेत्र में भीड़ का दबाव कम करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं। इन होल्डिंग एरिया में श्रद्धालुओं को रोका जा रहा है और वहां भोजन एवं पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा, सभी होल्डिंग एरिया में बिजली आपूर्ति भी सुनिश्चित की जा रही है।
महाकुंभ के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से प्रयागराज के सीमावर्ती जिलों में पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है। सभी प्रमुख मार्गों जैसे अयोध्या-प्रयागराज, कानपुर-प्रयागराज, वाराणसी-प्रयागराज और अन्य रास्तों पर यातायात की स्थिति पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। किसी भी प्रकार की यातायात अवरोध नहीं होने दिया जा रहा है।
महाकुंभ में बसंत पंचमी के अवसर पर होने वाले ‘अमृत स्नान’ की तैयारियों को लेकर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है। इस दिन लाखों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने के लिए पहुंचेंगे। इसे लेकर मुख्यमंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने व्यवस्थाओं की समीक्षा की है और सुरक्षा, सुविधा, यातायात और स्वास्थ्य से संबंधित हर पहलू पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं।
महाकुंभ में व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए 2019 के महाकुंभ के समय प्रयागराज में मंडलायुक्त के रूप में सेवा दे चुके आशीष गोयल और एडीए के वीसी रहे भानु गोस्वामी को फिर से तैनात किया गया है। इसके अतिरिक्त, विशेष सचिव स्तर के 5 अधिकारियों को भी 12 फरवरी तक प्रयागराज में तैनात किया जाएगा। इन अधिकारियों का मुख्य उद्देश्य मेला क्षेत्र में व्यवस्थाओं को बेहतर बनाना होगा।
- अतुल सिंह, विशेष सचिव, खाद्य एवं रसद विभाग, उत्तर प्रदेश शासन तथा संभागीय खाद्य नियंत्रक, लखनऊ
- अशोक कुमार कनौजिया, संयुक्त निदेशक, युवा कल्याण निदेशालय, लखनऊ
- आशुतोष कुमार दुबे, अपर जिलाधिकारी (ना.आ.) कानपुर नगर
- प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी, अपर जिलाधिकारी (न्यायिक), हरदोई
- प्रतिपाल चौहान, अपर जिलाधिकारी (वि.रा.) बस्ती
- हेल्पलाइन नंबर: 1920
- प्रयागराज मेला प्राधिकरण: 0532-2504011, 0532-2500775
- महाकुंभ वाट्सएप चैटबॉट: 08887847135
- महाकुंभ फायर हेल्पलाइन: 1945
- महाकुंभ फूड एंड सप्लाई हेल्पलाइन: 1010
- महाकुंभ एंबुलेंस: 102, 108
- महाकुंभ मेला पुलिस हेल्पलाइन: 1944
- महाकुंभ डिजास्टर हेल्पलाइन: 1077
महाकुंभ के दौरान हुई भगदड़ ने प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती पेश की है, लेकिन प्रशासन ने तत्परता से कदम उठाते हुए मेला क्षेत्र की व्यवस्था में सुधार किए हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता दी जा रही है और बसंत पंचमी के स्नान के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचने के लिए सभी उपाय किए जा रहे हैं।
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