बिहार में सरकारी पुरुष शिक्षक को मिली मैटरनिटी लीव, सलावों से घिरा शिक्षा विभाग
बिहार के वैशाली जिले के महुआ ब्लॉक स्थित हसनपुर उच्च माध्यमिक विद्यालय में एक अजीब घटना सामने आई है। एक पुरुष शिक्षक को 2 दिसंबर से 10 दिसंबर तक की 'मैटरनिटी लीव' दी गई, जो कि शिक्षा विभाग के सरकारी पोर्टल ई शिक्षा कोष पर अपलोड हुई। इस लीव के प्रावधान पर सवाल उठने के बाद यह मामला वायरल हो गया, जिससे विभाग को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।
सोशल मीडिया पर वायरल हुई जानकारी, मजाक उड़ाया गया
जब यह जानकारी सोशल मीडिया पर सामने आई, तो लोगों ने इसका मजाक उड़ाना शुरू कर दिया। पुरुष शिक्षक को 'मैटरनिटी लीव' मिलना एक असामान्य और हास्यास्पद घटना बन गई, क्योंकि यह लीव विशेष रूप से महिलाओं के लिए होती है, जो गर्भावस्था और जन्म के बाद की शारीरिक समस्याओं से जूझती हैं। जैसे ही खबर वायरल हुई, विभाग को भारी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।
शिक्षा विभाग ने शुरू की जांच, स्थानीय अधिकारी ने दी सफाई
इस घटना के बारे में शिक्षा विभाग को सूचना मिलने के बाद, उन्होंने मामले की जांच शुरू की। स्थानीय प्रखंड शिक्षा अधिकारी अर्चना कुमारी ने कहा कि यह तकनीकी गड़बड़ी के कारण हुआ है। उन्होंने स्पष्ट किया, "जब सरकारी पोर्टल पर छुट्टी का आवेदन अपलोड किया जा रहा था, तो गलती से मैटरनिटी लीव का चयन कर लिया गया, जो कि पुरुष शिक्षक के लिए गलत था।"
विभाग का गड़बड़ी पर ध्यान, सुधार की योजना
अर्चना कुमारी ने यह भी कहा कि अब इस गड़बड़ी को सुधार लिया गया है। विभाग भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए जरूरी कदम उठाएगा। उन्होंने बताया कि यह तकनीकी समस्या के कारण हुआ था और भविष्य में ऐसी गलतियों से बचने के लिए पोर्टल में सुधार किया जाएगा।
टीचर के स्कूल से गायब होने से जुड़ी सवालें
इस घटना के बाद यह भी सवाल उठने लगे कि शिक्षक जीतेंद्र कुमार ने इस छुट्टी के दौरान स्कूल से लंबे समय तक अनुपस्थिति क्यों बनाई। हालांकि, विभाग की जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ कि छुट्टी का आवेदन सही तरीके से नहीं भरा गया था, लेकिन शिक्षक को दी गई 'मैटरनिटी लीव' की स्वीकृति एक तकनीकी चूक थी।
सोशल मीडिया पर छाए मीम्स और टिप्पणियां
इस घटना ने सोशल मीडिया पर भी हलचल मचा दी, जहां कई लोगों ने इस गड़बड़ी पर मीम्स और टिप्पणियां पोस्ट की। इससे यह मामला एक हास्यपद घटना बन गई, लेकिन इसके बाद शिक्षा विभाग को अपनी कार्यप्रणाली पर पुनः विचार करने का मौका मिला।
यह घटना बिहार शिक्षा विभाग के पोर्टल पर तकनीकी गड़बड़ी के कारण हुई, और विभाग ने इसे सुधारने का वादा किया है। हालांकि, यह घटना समाज में एक महत्वपूर्ण चर्चा का कारण बन गई है, जहां कई लोग अब सरकारी प्रक्रियाओं में सुधार की जरूरत महसूस कर रहे हैं।
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