यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया: गैंगस्टर विरोधी कानून के प्रावधानों पर नए दिशानिर्देश तैयार किए जा रहे हैं
उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि वह राज्य के सख्त गैंगस्टर और असामाजिक गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत चल रहे आपराधिक मामलों पर पुनर्विचार कर सकती है। और इसके प्रावधानों को लागू करने के लिए नए दिशानिर्देश तैयार किए जा रहे हैं।
लखनऊ, गुरुवार: उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि वह राज्य के सख्त गैंगस्टर और असामाजिक गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत चल रहे आपराधिक मामलों पर पुनर्विचार कर सकती है और इसके प्रावधानों को लागू करने के लिए नए दिशानिर्देश तैयार किए जा रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज से कहा कि गैंगस्टर विरोधी कानून के कुछ प्रावधान "कठोर" प्रतीत होते हैं। पीठ ने नटराज से यह भी कहा, "कुछ प्रावधान कठोर हैं। सरकार को जांच करनी चाहिए कि यह कहां लागू होना चाहिए और कहां नहीं।"
इस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने जवाब देते हुए कहा कि वह इन प्रावधानों की समीक्षा कर रही है और इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार आवश्यक कदम उठाएगी।
गैंगस्टर और असामाजिक गतिविधियों के खिलाफ राज्य में प्रभावी तरीके से कार्रवाई करने के लिए सरकार नए दिशानिर्देश तैयार करने पर विचार कर रही है, ताकि इस कानून के तहत किसी भी नागरिक के अधिकारों का उल्लंघन न हो।
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