ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने मस्जिदों और दरगाहों के सर्वेक्षण पर जताई चिंता
देश के सबसे बड़े शिया मुसलमानों के संगठन, ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएसपीएलबी) ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण बयान जारी करते हुए देश में मस्जिदों और दरगाहों को मंदिर बताकर किए जा रहे सर्वेक्षणों पर चिंता व्यक्त की। एआईएसपीएलबी के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि इस तरह के सर्वेक्षणों का अगर सिलसिला जारी रहा तो यह देश के सामाजिक और धार्मिक माहौल को खराब कर सकता है।
लखनऊ, 20 दिसंबर: देश के सबसे बड़े शिया मुसलमानों के संगठन, ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएसपीएलबी) ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण बयान जारी करते हुए देश में मस्जिदों और दरगाहों को मंदिर बताकर किए जा रहे सर्वेक्षणों पर चिंता व्यक्त की। एआईएसपीएलबी के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि इस तरह के सर्वेक्षणों का अगर सिलसिला जारी रहा तो यह देश के सामाजिक और धार्मिक माहौल को खराब कर सकता है।
सुप्रीम कोर्ट और सरकार से अपील
बोर्ड ने इस मामले पर सख्त कदम उठाने की मांग करते हुए, सुप्रीम कोर्ट और भारत सरकार से अपील की कि वे पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 को सख्ती से लागू करें। यह अधिनियम धार्मिक स्थलों की स्थिति में किसी भी तरह के बदलाव को रोकता है और धार्मिक स्थलों को उनके मौजूदा रूप में बनाए रखने की व्यवस्था करता है।
वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और मस्जिदों के प्रति अनादर
लखनऊ में आयोजित बोर्ड की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में, मुस्लिम धार्मिक स्थलों के सर्वेक्षण के अलावा, मस्जिदों के प्रति बढ़ते अनादर और वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा पर भी गंभीर चर्चा की गई। सदस्यों ने इस बात पर चिंता जताई कि वक्फ संपत्तियों का अनधिकृत तरीके से उपयोग हो रहा है और इस दिशा में सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
मध्य पूर्व और सीरिया के घटनाक्रमों पर भी विचार
बैठक में केवल देश के अंदर की स्थिति पर ही चर्चा नहीं हुई, बल्कि मध्य पूर्व में इजराइल-फिलिस्तीन युद्ध और सीरिया में हो रहे राजनीतिक बदलाव के मामलों पर भी विचार किया गया। बैठक में इन वैश्विक मुद्दों के प्रभाव पर भी चर्चा की गई, खासकर मुस्लिम समुदाय के लिए इन घटनाओं के संभावित परिणामों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक ने देश में मुस्लिम धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और सम्मान बनाए रखने की आवश्यकता को प्रमुख रूप से उठाया है। बोर्ड ने इस मुद्दे पर सभी संबंधित पक्षों से कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में धार्मिक स्थलों को लेकर कोई विवाद उत्पन्न न हो और समाज में शांति बनी रहे।
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