उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा कदम: सहकारी समितियां एवं पंचायत लेखा परीक्षा विभाग में पदोन्नति में अनियमितता, निदेशक निलंबित

 उत्तर प्रदेश सरकार ने सहकारी समिति एवं पंचायत लेखा परीक्षा सेवा में हुए पदोन्नति मामलों में अनियमितताओं के चलते एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। 150 ज्येष्ठ लेखा परीक्षकों की सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी के पद पर बिना नियमावली के मनमाने ढंग से पदोन्नति करने के आरोप में योगी सरकार ने सहकारी समितियां एवं पंचायत लेखा परीक्षा के निदेशक पद्म जंग को निलंबित कर दिया है। इसके बाद, एक सप्ताह पहले की गई सभी पदोन्नतियों और तैनातियों को भी निरस्त कर दिया गया है।

Jan 30, 2025 - 13:44
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उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा कदम: सहकारी समितियां एवं पंचायत लेखा परीक्षा विभाग में पदोन्नति में अनियमितता, निदेशक निलंबित
लखनऊ, 30 जनवरी: उत्तर प्रदेश सरकार ने सहकारी समिति एवं पंचायत लेखा परीक्षा सेवा में हुए पदोन्नति मामलों में अनियमितताओं के चलते एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। 150 ज्येष्ठ लेखा परीक्षकों की सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी के पद पर बिना नियमावली के मनमाने ढंग से पदोन्नति करने के आरोप में योगी सरकार ने सहकारी समितियां एवं पंचायत लेखा परीक्षा के निदेशक पद्म जंग को निलंबित कर दिया है। इसके बाद, एक सप्ताह पहले की गई सभी पदोन्नतियों और तैनातियों को भी निरस्त कर दिया गया है।

पदोन्नति से जुड़े विवाद की शुरुआत
यह मामला 31 दिसंबर 2024 को उस समय सामने आया जब सरकार ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ (सहकारी समितियां एवं पंचायत) लेखा परीक्षा सेवा संवर्ग का पुनर्गठन किया था। इस पुनर्गठन के तहत सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी के पदों की संख्या बढ़ाकर 405 कर दी गई थी, जिससे लगभग 150 पद रिक्त हो गए थे। हालांकि, पुनर्गठन के बाद नियमावली बनाने की प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन निदेशक पद्म जंग ने बिना नियमावली के 150 लेखा परीक्षकों को सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी के पद पर पदोन्नति दे दी।

नियमावली न बनने तक इंतजार करना था
सरकार के आदेश के अनुसार, पदोन्नति और तैनाती के लिए नियमावली को कैबिनेट से मंजूरी प्राप्त होने के बाद ही लागू किया जा सकता था। लेकिन बिना किसी कानूनी प्रक्रिया को पूरा किए 31 दिसंबर को पदोन्नति देने की कोशिश की गई। यह कदम सरकार की नियमों के खिलाफ था, और इसके परिणामस्वरूप योगी सरकार को कार्रवाई करनी पड़ी।

निलंबन और नए आदेश
इस मामले के सामने आने के बाद, योगी सरकार ने कार्रवाई करते हुए निदेशक सहकारी समितियां एवं पंचायत लेखा परीक्षा, पद्म जंग को निलंबित कर दिया। उन्हें निलंबन अवधि के दौरान कोषागार कार्यालय में संबद्ध किया गया है। साथ ही, उनके द्वारा की गई सभी पदोन्नतियों और तैनातियों को निरस्त कर दिया गया था, और प्रशासन ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

राज्य कर विभाग में स्थानांतरण की हलचल
इसके अलावा, प्रदेश सरकार ने राज्य कर विभाग के सहायक आयुक्तों के भी स्थानांतरण किए हैं। मंगलवार की देर रात 26 सहायक आयुक्तों को अलग-अलग स्थानों पर तैनात किया गया है। जिन अधिकारियों के स्थानांतरण हुए हैं, उनमें से कई को नए विभागों में कार्यभार सौंपा गया है।
इस सूची में बलिया के सहायक आयुक्त अमित त्यागी को फर्रुखाबाद भेजा गया है, जबकि गाजियाबाद में सर्वोच्च न्यायालय कार्य में तैनात विकास विक्रम सिंह को भरथना भेजा गया है। इसी तरह, अन्य कई अधिकारियों को नए कार्यक्षेत्रों में भेजा गया है, जैसे लखनऊ से झांसी भेजे गए सुनील कुमार यादव, और आगरा से वाराणसी भेजे गए मोहम्मद अलीमुद्दीन।

यह घटनाक्रम उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शासन में पारदर्शिता और अनुशासन बनाए रखने के प्रयासों को दिखाता है। प्रशासन ने यह कदम उठाकर यह संदेश दिया कि सरकारी कार्यों में किसी भी प्रकार की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। निदेशक पद्म जंग के निलंबन और अन्य पदोन्नतियों को निरस्त करने के बाद सरकार ने इस मामले में सख्त कदम उठाए हैं, जो प्रशासन की नीतियों और सुधारों को मजबूत करता है।

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Prashant Singh Journalism Student University Of Lucknow.