चिनहट में मटियारी के पास इंडियन ओवरसीज बैंक के 42 लॉकर से चोरी हुए सोने की बरामदगी में हेराफेरी पर फिर खाकी दागदार
चिनहट के मटियारी इलाके में स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक के लॉकर से सोने की चोरी के मामले में एक बार फिर पुलिस की खाकी दागदार हो गई है। आरोप है कि उच्चाधिकारी के नेतृत्व में जांच करने वाली स्वाट टीम ने बरामद किए गए सोने के कुछ हिस्से को चोरी के बाद हेराफेरी करते हुए गायब कर दिया। यह आरोप डीसीपी पूर्वी शंशाक सिंह की स्वाट टीम पर लगाए गए हैं।

उच्च अधिकारियों से शिकायत मिलने के बाद डीसीपी पूर्वी शंशाक सिंह ने इस मामले की गहन जांच के लिए अपनी स्वाट और सर्विलांस टीम को भंग कर दिया है। साथ ही, सभी पुलिसकर्मियों को नोटिस जारी कर उनके बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया है। इस मामले में एडीसीपी पंकज कुमार सिंह को जांच सौंपी गई है, और पुलिसकर्मियों से पूछताछ की जा रही है।
पुलिस सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, चोरी के बाद इनपुट के आधार पर स्वाट टीम के सदस्य सतीश कुमार, अजय कुमार, मनोज कुमार सिंह, और हितेश सिंह को गाजीपुर जिले में दबिश देने के लिए भेजा गया था। वहां से कुछ सोना बरामद होने के बाद, ये लोग लौटे, लेकिन माने गए सभी पुलिसकर्मी तुरंत छुट्टी पर चले गए। इस दौरान मनोज कुमार सिंह को छोड़ बाकी सभी 4 से 5 दिन तक लापता रहे। बाद में जब बैंक मैनेजर ने सोने की चोरी का मामला उठाया तो पुलिस ने जांच में पाया कि 12 किलो सोना चोरी हुआ था, जबकि पहले 2 किलो सोना बरामद होने की बात सामने आई थी।
जांच के दौरान जब बरामद माल का मिलान किया गया, तो गड़बड़ी सामने आई। लाखों रुपये की कीमत वाला सोना गायब था, जो एक बड़ी हेराफेरी को साबित करता है। ग्राहकों की शिकायत के बाद पुलिस ने स्वाट टीम को जांच से हटा दिया और मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है।
यह पहली बार नहीं है जब पूर्वी जोन की स्वाट टीम सवालों के घेरे में आई है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, स्वाट टीम के खिलाफ पहले भी कई शिकायतें डीसीपी पूर्वी के पास पहुंच चुकी थीं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। अब डीसीपी शंशाक सिंह पुरानी शिकायतों का हवाला देते हुए स्वाट टीम को भंग करने का आदेश दे रहे हैं।
पूर्वी जोन की स्वाट टीम के सदस्य पिछले दो वर्षों से इसी मामले में तैनात थे। सूत्रों के अनुसार, इस टीम के द्वारा पहले से ही यह खेल चल रहा था, जिसका कई अधिकारियों को पता था, लेकिन किसी ने भी कार्रवाई नहीं की। इसके बावजूद सवाल यह उठता है कि इतना बड़ा खेल बिना सह के कैसे हो सकता था?
इस पूरे घटनाक्रम के बाद कई गंभीर सवाल उठ रहे हैं। पुलिसकर्मियों को दबिश के बाद इतने दिन छुट्टी क्यों दी गई? जांच के दौरान स्वाट टीम के प्रमुख सदस्य कहां गायब हुए थे? डीसीपी ने पूछताछ क्यों नहीं की? और आखिरकार इतने दिनों से हो रही शिकायतों के बावजूद अब क्यों स्वाट टीम को हटाया गया है?
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