बहेड़ी थाने के दारोगा को रिश्वत लेते रंगे हाथ किया गिरफ्तार, 50 हजार की मांग का मामला

 थाने के एक दारोगा दीपचंद को गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने आरोपित पक्ष से गिरफ्तारी से बचाने के नाम पर 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। आरोपी दारोगा को एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया और उसके खिलाफ देवरनिया थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। यह मामला भ्रष्टाचार और पुलिस की नकारात्मक भूमिका को उजागर करता है, जिसके बाद पुलिस अधिकारियों की कार्रवाई ने एक बार फिर से भ्रष्टाचार की जड़ें दिखाईं।

Jan 7, 2025 - 13:59
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बहेड़ी थाने के दारोगा को रिश्वत लेते रंगे हाथ किया गिरफ्तार, 50 हजार की मांग का मामला
बरेली,07 जनवरी: थाने के एक दारोगा दीपचंद को गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने आरोपित पक्ष से गिरफ्तारी से बचाने के नाम पर 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। आरोपी दारोगा को एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया और उसके खिलाफ देवरनिया थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। यह मामला भ्रष्टाचार और पुलिस की नकारात्मक भूमिका को उजागर करता है, जिसके बाद पुलिस अधिकारियों की कार्रवाई ने एक बार फिर से भ्रष्टाचार की जड़ें दिखाईं।

शिकायतकर्ता का आरोप और एंटी करप्शन की कार्रवाई

शिकायतकर्ता जीशान मलिक ने एंटी करप्शन कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके चाचा और भाइयों के खिलाफ 31 दिसंबर को पिपलिया चाटो गांव निवासी अनीस ने एक झूठा मुकदमा दर्ज कराया था। हालांकि, उसी दिन उन्होंने भी बहेड़ी थाने में अनीस और उसके साथियों के खिलाफ मारपीट का शिकायती पत्र दिया था, लेकिन बहेड़ी पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की।

दारोगा ने गिरफ्तारी से बचाने के नाम पर मांगी रिश्वत

जब जीशान मलिक ने बहेड़ी थाने में दर्ज मुकदमे की विवेचना कर रहे दारोगा दीपचंद से साक्ष्य के साथ संपर्क किया, तो दारोगा ने उन्हें गिरफ्तारी से बचाने के लिए 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। जीशान ने इस भ्रष्टाचार की शिकायत एंटी करप्शन के सीओ से की, और उनकी अगुवाई में जांच शुरू की गई।

रंगे हाथ गिरफ्तार, ट्रैप का इस्तेमाल

एंटी करप्शन टीम ने पूरी योजना के तहत दारोगा दीपचंद को रंगे हाथ पकड़ने के लिए ट्रैप सेट किया। जांच के दौरान यह पुष्टि हो गई कि दारोगा ने सच में जीशान से 50 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी। सोमवार रात, एंटी करप्शन टीम ने दारोगा दीपचंद को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया और उसे पुलिस के हवाले कर दिया।

दारोगा पर प्राथमिकी दर्ज

दारोगा के खिलाफ देवरनिया थाने में भ्रष्टाचार और रिश्वत लेने के आरोप में प्राथमिकी पंजीकृत की गई है। एंटी करप्शन विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और आगे की जांच जारी रखी है। इस गिरफ्तारी से यह भी स्पष्ट हुआ है कि कैसे कुछ पुलिसकर्मी अपने पद का दुरुपयोग करते हुए भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं।

मामले के बाद प्रशासन का रुख

इस घटना के बाद पुलिस विभाग में खलबली मच गई है। प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों ने यह सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया कि ऐसे मामलों में भ्रष्टाचार से जुड़े कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

यह गिरफ्तारी न केवल पुलिस विभाग में फैले भ्रष्टाचार की पोल खोलती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि आम जनता को न्याय दिलाने के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करना कितना जरूरी है। एंटी करप्शन टीम की मुस्तैदी और जीशान मलिक की सूझबूझ से बहेड़ी थाने के दारोगा को पकड़ लिया गया, जिससे भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश गया है।

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Prashant Singh Journalism Student University Of Lucknow.