बिहार, 29 दिसंबर: बिहार में बालू के अवैध खनन और परिवहन पर रोक लगाने के लिए खान एवं भू-तत्व विभाग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। विभाग ने अब जिलों के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की मदद से अवैध खनन और परिवहन की निगरानी बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से अवैध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाएगी और इन पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।
कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से निगरानी की शुरुआत
खान एवं भू-तत्व विभाग ने यह महसूस किया कि तमाम प्रयासों के बावजूद नदियों से अवैध खनन और परिवहन पर पूरी तरह से रोक नहीं लग पा रही है। विभाग के अधिकारियों ने यह फैसला किया है कि अब जिलों के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से इन गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। फिलहाल 16 जिलों में जहां से खनन शुरू हो चुका है, वहां इन केंद्रों का संचालन किया जाएगा। इन सेंटरों में एक नोडल कर्मचारी प्रतिनियुक्त किया जाएगा, जो घाटों पर होने वाले खनन और परिवहन की निगरानी करेगा।
नोडल कर्मचारियों का कार्य और रिपोर्टिंग प्रक्रिया
नोडल कर्मचारी यह सुनिश्चित करेंगे कि घाटों पर जितनी अनुमति दी गई है, उससे अधिक खनन या परिवहन तो नहीं हो रहा। इसके साथ ही वे प्रतिदिन अपनी रिपोर्ट राज्य मुख्यालय को भेजेंगे। जिससे विभाग को तत्काल स्थिति की जानकारी मिल सके और उचित कार्रवाई की जा सके।
कैमरों की निगरानी और अवैध खनन की रोकथाम
खान एवं भू-तत्व विभाग ने एक और अहम निर्णय लिया है कि बालू घाटों की निगरानी कैमरे से की जाएगी घाट पर लगे कैमरे यदि दो घंटे या उससे अधिक समय तक बंद रहते हैं तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्यवाही की जाएगी। यह कदम अवैध खनन और परिवहन को रोकने के लिए उठाया गया है। विभाग को उम्मीद है कि इस उपाय से अवैध खनन और परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकेगा।
सोन जिले में अवैध खनन का मामला और ईडी की कार्रवाई
सोन जिले में अवैध खनन और बालू खनन के ठेकेदारों के खिलाफ ईडी द्वारा कार्रवाई की जा रही है। जिससे बालू कारोबारियों में हड़कंप मचा हुआ है। आर्थिक अपराध इकाई द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर ईडी ने तीन प्रमुख कारोबारियों को रडार पर लिया है, जिनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच की जा रही है। इन कारोबारियों में से दो के खिलाफ थाना पुलिस ने भी रिपोर्ट भेजी थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
वर्ष 2021 और 2022 में दर्ज हुईं प्राथमिकी
दाउदनगर, ओबरा, बारुण, नबीनगर, बड़ेम, और रिसियप थाना क्षेत्रों में 2021 और 2022 में अवैध बालू खनन और स्टॉक के बिना चालान के बेचने के मामलों में करीब 12 प्राथमिकी दर्ज की गई थीं। इन मामलों में आदित्य मल्टीकॉम कंपनी के मालिक और कर्मचारियों पर आरोप थे कि उन्होंने बिना प्री-पेड चालान के बालू का अवैध परिवहन किया था। यह मामला तब सामने आया जब पटना की टीम ने भंडारित बालू का भौतिक सत्यापन किया और पाया कि भंडारण स्थल पर बालू का कोई स्टॉक नहीं था।
ईडी की कार्रवाई और गिरफ्तारियां
इस मामले में आदित्य मल्टीकॉम कंपनी से जुड़े जयनारायण सिंह और अन्य लोगों के खिलाफ ईडी ने कार्रवाई की और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। हालांकि, जिला पुलिस अपने स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सकी थी। ईडी की कार्रवाई से बालू के अवैध कारोबारियों में खलबली मच गई है और इसे एक बड़ी जीत माना जा रहा है।
खान एवं भू-तत्व विभाग द्वारा कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की स्थापना और अन्य निगरानी उपायों से अवैध खनन और परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण की उम्मीद है। साथ ही, सोन जिले में बालू खनन के ठेकेदारों पर ईडी की कार्रवाई ने यह साबित कर दिया है कि अवैध खनन के खिलाफ सरकार का कड़ा रुख है। अब देखना यह होगा कि इन नए उपायों से राज्य में अवैध खनन पर कितनी प्रभावी रोक लग पाती है।