शिवसेना नेता संजय राउत का बयान: आरएसएस और शिवसेना की विचारधारा अलग, लेकिन हिंदुत्व का सूत्र समान
शिवसेना नेता संजय राउत ने गुरुवार को कहा कि हालांकि आरएसएस और अविभाजित शिवसेना हिंदुत्व के एक समान सूत्र से जुड़े थे, लेकिन दोनों की विचारधाराएं हमेशा अलग रही हैं। राउत का यह बयान पार्टी के भीतर विचारधारात्मक मतभेदों और आरएसएस के साथ शिवसेना के संबंधों को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच आया है।
शिवसेना और आरएसएस का हिंदुत्व विचारधारा पर समान आधार
नई दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए संजय राउत ने स्पष्ट किया कि शिवसेना और आरएसएस दोनों का आधार हिंदुत्व था, लेकिन इसके बावजूद दोनों संगठन अपनी-अपनी विचारधाराओं में भिन्न थे। राउत ने कहा, “शिवसेना और आरएसएस हिंदुत्व के एक समान सूत्र से बंधे थे, लेकिन वैचारिक रूप से हमेशा अलग रहे हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि आरएसएस की नीतियां और शिवसेना की कार्यप्रणाली में समय-समय पर भिन्नताएं रही हैं। राउत के अनुसार, शिवसेना का उद्देश्य हमेशा महाराष्ट्र की राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाए रखना था, जबकि आरएसएस का दृष्टिकोण राष्ट्रीय स्तर पर था।
1975 में बाल ठाकरे पर कांग्रेस में विलय का दबाव
राउत ने 1975 में बाल ठाकरे की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि उस समय शिवसेना के संस्थापक पर कांग्रेस पार्टी में विलय करने के लिए दबाव डाला गया था, लेकिन बाल ठाकरे ने किसी भी प्रकार की पार्टी के विलय के प्रयासों को विफल कर दिया। उन्होंने बताया कि बाल ठाकरे ने अपनी पार्टी की स्वतंत्रता और विचारधारा को बनाए रखने के लिए संघर्ष किया, जो आगे चलकर शिवसेना के राजनीतिक अस्तित्व को मजबूत बनाने में सहायक साबित हुआ। राउत ने कहा, "बाल ठाकरे ने कभी भी किसी और दल में विलय करने का विचार नहीं किया और अपनी पार्टी की स्वायत्तता बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास किया।"
वर्तमान में शिवसेना की स्थिति
राउत का यह बयान ऐसे समय में आया है जब शिवसेना (यूबीटी) और अन्य राजनीतिक दलों के बीच विचारधारात्मक मतभेदों को लेकर चर्चा हो रही है। शिवसेना की प्रमुख पहचान अब भी बाल ठाकरे के नेतृत्व और उनकी वैचारिक परंपरा से जुड़ी हुई है, जबकि भाजपा और आरएसएस के साथ शिवसेना का संबंध राजनीतिक और वैचारिक रूप से उलझा हुआ है।
राउत ने इस संदर्भ में कहा कि वर्तमान समय में शिवसेना का ध्यान महाराष्ट्र की राजनीति पर केंद्रित है, और वे अपने संघर्ष को शिवसेना की मूल विचारधारा और स्वतंत्रता के संरक्षण के लिए जारी रखेंगे।
संजय राउत के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि शिवसेना और आरएसएस के संबंधों में विचारधारात्मक अंतर हमेशा बना रहा है। हालांकि दोनों संगठनों के हिंदुत्व को लेकर समान दृष्टिकोण था, लेकिन उनकी कार्यशैली और राजनीतिक उद्देश्य में भिन्नताएं रही हैं। राउत का यह बयान शिवसेना (यूबीटी) के दृष्टिकोण और राजनीतिक स्वायत्तता को लेकर उनकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
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