कोलकाता, 18 जनवरी: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में आरोपी संजय रॉय को दोषी करार दिया गया है। सियालदह कोर्ट की विशेष अदालत ने शुक्रवार को संजय रॉय को दोषी ठहराया। इस मामले में फैसला 20 जनवरी को सुनाया जाएगा। यह केस देशभर में तीव्र आक्रोश और विरोध का कारण बना था, जिसमें चिकित्साकर्मी और समाज के अन्य वर्गों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था।
सियालदह कोर्ट में दोषी करार
सियालदह कोर्ट की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, अनिर्बान दास की अदालत ने संजय रॉय को दोषी करार दिया। आरोपित संजय रॉय सिविक वालंटियर के रूप में काम कर रहा था। अदालत ने इस मामले में सुनवाई शुरू होने के 59 दिन बाद फैसला सुनाया। 11 नवंबर को इस मामले की सुनवाई शुरू हुई थी। इस केस की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही थी, जो हाई कोर्ट के निर्देश पर शुरू की गई थी। सीबीआई ने पहले ही आरोपपत्र दाखिल कर दिया था।
हत्या और दुष्कर्म की घटना
यह दिल दहला देने वाली घटना 9 अगस्त 2024 को घटित हुई थी। आरजी कर मेडिकल कॉलेज के आपातकालीन विभाग के चौथे मंजिल स्थित सेमिनार हॉल से पीड़िता का शव बरामद किया गया था। पीड़िता, जो एक ट्रेनी महिला डॉक्टर थी, को कथित रूप से दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई। मामले के मुख्य आरोपित संजय रॉय को घटना के अगले दिन गिरफ्तार किया गया था। सीसीटीवी फुटेज में उसे सेमिनार हॉल में प्रवेश करते हुए देखा गया था, और घटनास्थल से उसका हेडफोन भी बरामद किया गया था।
सीबीआई ने आरोपपत्र में संजय रॉय को मुख्य आरोपी माना और कहा कि वही इस जघन्य अपराध का दोषी है।
पीड़िता के माता-पिता का आरोप
हालांकि, पीड़िता के माता-पिता ने अदालत में बयान देते हुए कहा कि इस वारदात में एक से अधिक लोग शामिल हो सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जांच अधूरी है और इस अपराध में शामिल अन्य लोग अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं। उनका कहना था कि सीबीआई ने इस मामले में सिर्फ संजय रॉय को दोषी ठहराया है, जबकि अन्य आरोपी अब भी कानून से बचने में सफल हो रहे हैं।
सीबीआई की मांग: फांसी की सजा
सीबीआई ने अदालत से संजय रॉय के लिए फांसी की सजा की मांग की है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने अदालत में यह भी कहा कि संजय रॉय इस अपराध का एकमात्र गुनाहगार है और उसे कड़ी सजा दी जानी चाहिए।
समाज में आक्रोश और विरोध प्रदर्शन
इस घटना के बाद पूरे देश में गहरा आक्रोश फैल गया था। विशेष रूप से चिकित्साकर्मी और डॉक्टरों ने इस जघन्य अपराध के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए थे। चिकित्सक समुदाय ने इसे एक शर्मनाक घटना करार दिया और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। सैकड़ों लोगों ने इस घटना के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किए थे, जिससे यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर प्रमुखता से उभरा।
अब आगे का रास्ता
अब जबकि अदालत ने संजय रॉय को दोषी ठहराया है, सभी की नजरें 20 जनवरी को अदालत के अंतिम फैसले पर लगी हैं। इस दिन अदालत को यह तय करना है कि संजय रॉय को कितनी सजा दी जाएगी। यह फैसला सिर्फ आरोपी के भविष्य को ही तय नहीं करेगा, बल्कि यह पूरे समाज के लिए एक संदेश होगा कि ऐसे जघन्य अपराधों को सहन नहीं किया जाएगा।
इस मामले ने एक बार फिर से महिलाओं की सुरक्षा और समाज में व्याप्त अपराधों को लेकर बहस छेड़ दी है। न्याय की उम्मीद करते हुए पीड़िता के परिवार और समाज की नजरें अदालत पर टिकी हैं।