बीपीएससी परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर प्रशांत किशोर का आमरण अनशन जारी
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर अभ्यर्थियों का प्रदर्शन जारी है, जबकि जन सुराज पार्टी (जसुपा) के नेता प्रशांत किशोर पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। उनका दावा है कि जब तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार परीक्षा में गड़बड़ी से प्रभावित अभ्यर्थियों से बातचीत नहीं करेंगे, उनका अनशन जारी रहेगा।

20 साल से जनता की आवाज नहीं सुनी
प्रशांत किशोर ने कहा, "वह सरकार जो पिछले 20 सालों से जनता की बात नहीं सुनती, वह चार दिनों में कैसे झुकेगी। बिहार सरकार की असंवेदनशीलता, अहंकार और भ्रम है कि लोग खड़े नहीं होंगे। चुनाव आएगा तो लोग जाति और धर्म के नाम पर बंटकर वोट देंगे, लेकिन जनता को समझना होगा कि उनके पास ताकत है।"
5 प्रमुख मांगों के साथ अनशन पर प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर, 2 जनवरी से बीपीएससी परीक्षा में अनियमितताओं के खिलाफ आंदोलन कर रहे छात्रों के समर्थन में आमरण अनशन पर बैठे हैं। उन्होंने अपनी 5 प्रमुख मांगें रखी हैं:
- 70वीं बीपीएससी परीक्षा की उच्चस्तरीय जांच और पुनः परीक्षा का आयोजन।
- 2015 के '7 निश्चय' के तहत बेरोजगारी भत्ते की घोषणा, जिससे 18 से 35 साल के बेरोजगार युवाओं को आर्थिक मदद मिल सके।
- पिछले 10 वर्षों में प्रतियोगी परीक्षाओं में हुई अनियमितताओं और पेपर लीक की जांच तथा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का श्वेत पत्र जारी किया जाए।
- बिहार को 'लाठीतंत्र' बनाने वाले दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
- सरकारी नौकरियों में बिहार के युवाओं को कम से कम दो तिहाई हिस्सेदारी मिले और इसके लिए डोमिसाइल नीति लागू की जाए।
प्रशांत किशोर ने बिहार सरकार की असंवेदनशीलता पर तंज कसते हुए कहा, "जो सरकार पिछले 20 सालों से जनता की बात नहीं सुन रही, वह अब चार दिन में कैसे किसी के सामने झुकेगी।" उन्होंने आगे कहा कि जब तक बिहार की जनता जागरूक नहीं होगी, तब तक कोई सुधार संभव नहीं है। उनका कहना है कि लोगों को धर्म, जाति, और 5 किलो अनाज से परे अपने बच्चों के भविष्य के बारे में सोचना होगा।
नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा पर भी प्रहार
प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा पर भी हमला किया। उन्होंने कहा, "20 दिन से युवा मुख्यमंत्री से मिलने के लिए समय मांग रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री के पास समय नहीं है। फिर इस यात्रा का क्या फायदा? अगर नीतीश कुमार को यात्रा करनी है तो बिना अधिकारियों के एक घंटे के लिए किसी गांव में बैठें और जनता से बात करें।"
बीपीएससी परीक्षा में अनियमितताओं पर प्रतिक्रिया
प्रशांत किशोर ने बीपीएससी परीक्षा की पुनर्परीक्षा को लेकर भी बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार ने जब पुनर्परीक्षा आयोजित की, तो यह कानूनी तौर पर स्वीकार कर लिया कि परीक्षा में कुछ छात्रों के साथ अनियमितताएं हुई थीं। इस बयान से उन्होंने परीक्षा के दौरान हुई गड़बड़ी को स्पष्ट किया।
जनता को जागरूक होने का आह्वान
आखिर में प्रशांत किशोर ने बिहार की जनता से अपील की कि यदि वे आज नहीं उठे तो अगले 5 साल तक सिर्फ रोते रहेंगे। उन्होंने कहा कि जनता की ताकत से बड़ी कोई ताकत नहीं है, और केवल जागरूकता के माध्यम से ही बदलाव संभव है।
प्रशांत किशोर का आमरण अनशन जारी रहने तक बिहार में परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर स्थिति और भी गर्म हो सकती है, और सरकार के लिए यह चुनौती बन सकती है।
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