चंदौसी में 150 साल घर पर अतिक्रमण का नोटिस मिलने पर परिवार ने खुद गिराया घर

उत्तर प्रदेश के संभल जिले के चंदौसी इलाके में हाल ही में मिली लगभग 150 साल पुरानी बावड़ी के अतिक्रमण से जुड़ा एक मामला सामने आया है। नगरपालिका अधिकारियों ने एक घर पर नोटिस जारी किया था, जो बावड़ी के एक हिस्से पर कथित रूप से अतिक्रमण कर रहा था। इसके बाद घर के मालिक ने इसे आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया है। यह कार्रवाई नगरपालिका के अधिकारियों द्वारा दिए गए नोटिस के तहत की गई।

Jan 11, 2025 - 18:11
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चंदौसी में 150 साल घर पर अतिक्रमण का नोटिस मिलने पर परिवार ने खुद गिराया घर
उत्तर प्रदेश,11 जनवरी: उत्तर प्रदेश के संभल जिले के चंदौसी इलाके में हाल ही में मिली लगभग 150 साल पुरानी बावड़ी के अतिक्रमण से जुड़ा एक मामला सामने आया है। नगरपालिका अधिकारियों ने एक घर पर नोटिस जारी किया था, जो बावड़ी के एक हिस्से पर कथित रूप से अतिक्रमण कर रहा था। इसके बाद घर के मालिक ने इसे आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया है। यह कार्रवाई नगरपालिका के अधिकारियों द्वारा दिए गए नोटिस के तहत की गई।

अतिक्रमण की जानकारी मिलने के बाद की गई कार्रवाई

चंदौसी नगर पालिका परिषद के कार्यकारी अधिकारी कृष्ण कुमार सोनकर ने इस बारे में जानकारी दी कि जब से खुदाई का कार्य चल रहा था, तब यह पता चला कि एक घर बावड़ी के किनारे पर अतिक्रमण कर रहा था। यह बावड़ी 150 साल पुरानी बताई जा रही है और ऐतिहासिक महत्व की है। इस जानकारी के बाद नगरपालिका अधिकारियों ने घर के मालिक को नोटिस जारी किया।

नोटिस मिलने के बाद घर के मालिक ने लिया कदम

नोटिस मिलने के बाद, लक्ष्मण गंज निवासी गुलनाज (पत्नी यूसुफ सैफी) नाम की महिला, जिनके घर पर अतिक्रमण का आरोप था, ने घर के एक हिस्से को आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया। नगर पालिका के अधिकारियों के अनुसार, यह कदम स्वेच्छा से उठाया गया था। कार्यकारी अधिकारी कृष्ण कुमार सोनकर ने बताया कि यदि नगरपालिका खुद जेसीबी से घर को गिराती, तो इससे अधिक नुकसान हो सकता था। इसलिए महिला को निर्देशित किया गया कि वह स्वयं इसे आंशिक रूप से ध्वस्त करें।

जिला मजिस्ट्रेट की समझाइश के बाद हुआ आंशिक ध्वस्तीकरण

पुलिस और नगरपालिका अधिकारियों की मौजूदगी में, जिला मजिस्ट्रेट ने भी महिला को समझाया कि केवल अतिक्रमित हिस्से को हटाना है और बाकी हिस्से को सुरक्षित छोड़ दिया जाएगा। इसके बाद महिला ने स्वेच्छा से अतिक्रमण को हटाना शुरू किया और इसे आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया। कृष्ण कुमार सोनकर ने कहा कि इस मामले में किसी भी प्रकार के विवाद से बचने के लिए यह कदम उठाया गया, ताकि ऐतिहासिक बावड़ी को नुकसान न पहुंचे और उसके संरक्षण के लिए सही कदम उठाए जा सकें।

ऐतिहासिक बावड़ी का संरक्षण: नगरपालिका की प्राथमिकता

नगर पालिका परिषद के कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि चंदौसी में मिली यह बावड़ी न केवल ऐतिहासिक महत्व की है, बल्कि स्थानीय धरोहर का हिस्सा भी है। इसलिए, इस बावड़ी को अतिक्रमण से बचाने और उसके संरक्षण की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। नगरपालिका अधिकारियों का कहना है कि अब वे बावड़ी के आसपास के क्षेत्र में अन्य अतिक्रमण की भी जांच करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी संरक्षित स्थल पर अवैध निर्माण न हो।

चंदौसी में मिली 150 साल पुरानी बावड़ी पर अतिक्रमण को लेकर की गई कार्रवाई ने नगरपालिका के संरक्षण प्रयासों को उजागर किया है। घर के मालिक द्वारा खुद अतिक्रमण को हटाने की प्रक्रिया से यह स्पष्ट होता है कि नगर पालिका प्रशासन मामले को संवेदनशीलता से संभाल रहा है और ऐतिहासिक धरोहर को बचाने के लिए उचित कदम उठा रहा है। अब इस बावड़ी की सुरक्षा के लिए और भी ठोस कदम उठाए जाएंगे, ताकि यह ऐतिहासिक स्थल भविष्य में भी सुरक्षित रहे।

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Prashant Singh Journalism Student University Of Lucknow.