छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़, अभियान जारी
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच गुरुवार को भीषण मुठभेड़ जारी है। यह मुठभेड़ बीजापुर और सुकमा के बॉर्डर पर स्थित एक जंगल में शुरू हुई, और सुरक्षाबलों द्वारा चलाए जा रहे जॉइंट ऑपरेशन के दौरान हुई।

इस मुठभेड़ में डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG), स्पेशल टास्क फोर्स (STF), और सीआरपीएफ की कोबरा यूनिट के जवान सक्रिय रूप से शामिल हैं। सुरक्षाबल नक्सलियों के खिलाफ पिछले कुछ समय से विशेष अभियान चला रहे हैं, जिसका उद्देश्य इन क्षेत्रों में नक्सल गतिविधियों को खत्म करना है। इस अभियान के तहत मुठभेड़ लगातार बढ़ रही है और सुरक्षाबल नक्सलियों को घेरने में लगे हुए हैं।
सुरक्षाबलों ने 3 जनवरी को भी नक्सलियों के खिलाफ एक ऑपरेशन चलाया था, जिसमें एक नक्सली मारा गया था। यह लगातार बढ़ते ऑपरेशन और मुठभेड़ों की कड़ी का हिस्सा था, जिसमें सुरक्षाबल नक्सलियों के खात्मे के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठा रहे हैं।
बीजापुर जिले के मुरडांडा गांव में, राज्य पुलिस और सीआरपीएफ की 229 बटालियन के संयुक्त ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों ने एक आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) को बरामद कर उसे डिफ्यूज किया। नक्सलियों ने खाली बीयर की बोतल में दो आईईडी तैयार किए थे और उसे इलाके में प्लांट कर दिया था। यह सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी सफलता थी, क्योंकि यह आईईडी सुरक्षाबलों के ऑपरेशन को निशाना बनाने के लिए लगाए गए थे।
इससे पहले 6 जनवरी को, कुटरू के पास नक्सलियों ने एक आईईडी ब्लास्ट किया था, जिसमें सुरक्षाबलों की एक गाड़ी को निशाना बनाया गया। इस हमले में ड्राइवर समेत आठ जवान शहीद हो गए थे। सुरक्षाबल एंटी नक्सल ऑपरेशन के बाद अपनी गाड़ी से लौट रहे थे, तभी नक्सलियों ने यह घातक हमला किया।
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का अभियान तेज हो गया है, और यह मुठभेड़ लगातार जारी है। सुरक्षाबल अपने अभियान में सफलता प्राप्त कर रहे हैं, लेकिन नक्सलियों द्वारा किए जा रहे हमलों और उनके द्वारा बिछाए गए आईईडी से सुरक्षाबलों को भी भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। राज्य और केंद्रीय सुरक्षा बलों की संयुक्त कार्रवाई से नक्सलियों के खिलाफ प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन इस संघर्ष के लंबा खिंचने की आशंका बनी हुई है।
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