प्रधानमंत्री आज लोकसभा में संविधान पर चल रही बहस पर देंगे जवाब, विपक्ष के सवालों का करेंगे सामना
लोकसभा में आज संविधान पर चल रही बहस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष के सवालों का जवाब दे सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने इस बहस में भाग लेने की योजना बनाई है, जहां वह विपक्ष के आरोपों और सवालों का सामना करेंगे
नई दिल्ली: लोकसभा में आज संविधान पर चल रही बहस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष के सवालों का जवाब दे सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने इस बहस में भाग लेने की योजना बनाई है, जहां वह विपक्ष के आरोपों और सवालों का सामना करेंगे।
प्रियंका ने योगी सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक दिन पहले भाजपा पर संविधान को संघ की नियम पुस्तिका बनाने का आरोप लगाया था। प्रियंका ने यह भी कहा था कि भाजपा संविधान को अपनी विचारधारा के अनुरूप ढालने का प्रयास कर रही है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। प्रियंका ने यह बयान योगी आदित्यनाथ की सरकार के खिलाफ संभल और उन्नाव जैसी घटनाओं पर सवाल उठाते हुए दिया। प्रियंका ने भाजपा और योगी सरकार पर आरोप लगाया कि वे कानून व्यवस्था और नागरिकों के अधिकारों को नजरअंदाज कर रहे हैं। साथ ही, उन्होंने कुछ अन्य राज्य स्तरीय मुद्दों को भी उठाया, जिनमें महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों में बढ़ोतरी और प्रशासनिक असफलताओं की ओर इशारा किया।
प्रधानमंत्री विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों का दे सकते हैं जवाब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आज के जवाब का मुख्य फोकस विपक्ष के उन आरोपों पर होगा, जिनमें भाजपा पर संविधान का पालन नहीं करने और उसकी संस्थाओं को कमजोर करने के आरोप लगाए गए हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री अपने बयान में संविधान के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा की बात कर सकते हैं।
इस बहस के दौरान कई विपक्षी सांसद सरकार की नीतियों और संविधान के प्रति सरकार के दृष्टिकोण पर सवाल उठा चुके हैं, और प्रधानमंत्री से उनके जवाब की उम्मीद जताई जा रही है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संविधान पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस पर साधा निशाना
बीते दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में संविधान पर चल रही चर्चा की शुरुआत की और इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कुछ लोगों ने यह मान लिया था कि संविधान केवल एक ही पार्टी की देन है, जबकि यह कई महान हस्तियों की मेहनत और योगदान का परिणाम है।
राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में कहा कि संविधान भारत की विविधता को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है, और इसका निर्माण कई विचारकों, नेताओं और समाज सुधारकों के विचारों का मेल है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संविधान केवल एक राजनीतिक पार्टी का नहीं, बल्कि पूरे देश की धरोहर है, जिसे देशवासियों ने अपने लोकतंत्र की नींव के रूप में स्वीकार किया है।
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