बांग्लादेशी घुसपैठिया कैसे बनी भारत में ग्राम प्रधान? पश्चिम बंगाल में लवली खातून की पहचान पर विवाद
पश्चिम बंगाल के राशीदाबाद ग्राम पंचायत की प्रधान लवली खातून की पहचान को लेकर एक विवाद खड़ा हो गया है। दावा किया जा रहा है कि लवली खातून बांग्लादेशी नागरिक हैं और अवैध तरीके से भारत में प्रवेश कर भारतीय दस्तावेज़ प्राप्त कर लिए हैं।

कोलकाता, 5 जनवरी: पश्चिम बंगाल के राशीदाबाद ग्राम पंचायत की प्रधान लवली खातून की पहचान को लेकर एक विवाद खड़ा हो गया है। दावा किया जा रहा है कि लवली खातून बांग्लादेशी नागरिक हैं और अवैध तरीके से भारत में प्रवेश कर भारतीय दस्तावेज़ प्राप्त कर लिए हैं।
लवली खातून का असली नाम और पहचान
रिपोर्ट्स के मुताबिक, लवली खातून का असली नाम नासिया शेख है। वह बगैर पासपोर्ट के भारत पहुंची थीं और अपनी पुरानी पहचान को पूरी तरह से मिटा दिया था। लवली ने अपने पिता का नाम बदलकर शेख मुस्तफा कर दिया था और अब उनके दस्तावेज़ में यही नाम दर्ज है। इसके अलावा, लवली ने भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए कई दस्तावेज़ तैयार किए, जिनमें वोटर कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र भी शामिल हैं।
वोटर कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र
लवली खातून को साल 2015 में वोटर कार्ड मिला था और 2018 में जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ था। इस प्रकार, उन्होंने भारतीय दस्तावेज़ों पर अपनी पहचान दर्ज करवाई, जिससे वह एक भारतीय नागरिक के रूप में पहचान पा सकी थीं।
असली पिता का नाम और विवाद
रिपोर्ट्स के अनुसार, लवली खातून के पिता का असली नाम जमील बिस्वास है, जबकि दस्तावेजों में उनका नाम शेख मुस्तफा दर्ज है। यह तथ्य यह दर्शाता है कि उनके पारिवारिक विवरण में भी गड़बड़ी की गई है।
राजनीतिक रंग लेता विवाद
लवली खातून तृणमूल कांग्रेस (TMC) की नेता हैं, और इस विवाद ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। आरोप लग रहे हैं कि बांग्लादेश से अवैध रूप से आई लवली खातून ने चुनावी राजनीति में घुसपैठ की है और सत्ता का लाभ उठाया है। यह मामला अब पश्चिम बंगाल में एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन चुका है।
पुलिस और प्रशासन इस मामले की जांच कर रहे हैं, लेकिन यह आरोप राजनीतिक माहौल को और गर्मा सकते हैं।
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