हाथरस भगदड़ मामले में 10 आरोपितों की न्यायालय में पेशी, आरोप तय करने की प्रक्रिया जारी

हाथरस के फुलरई गांव में दो जुलाई को हुए भयावह भगदड़ हादसे में 121 लोगों की मौत के मामले में शनिवार को 10 आरोपितों को न्यायालय में पेश किया गया। सत्र न्यायाधीश सतेंद्र कुमार की अदालत में आरोप तय करने के लिए बहस हुई, जो कि आगामी तिथि 20 जनवरी को पूरी होगी। उस दिन न्यायालय आरोपितों पर आरोप तय कर सकता है।

Jan 5, 2025 - 11:50
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हाथरस भगदड़ मामले में 10 आरोपितों की न्यायालय में पेशी, आरोप तय करने की प्रक्रिया जारी

हाथरस, 5 जनवरी: हाथरस के फुलरई गांव में दो जुलाई को हुए भयावह भगदड़ हादसे में 121 लोगों की मौत के मामले में शनिवार को 10 आरोपितों को न्यायालय में पेश किया गया। सत्र न्यायाधीश सतेंद्र कुमार की अदालत में आरोप तय करने के लिए बहस हुई, जो कि आगामी तिथि 20 जनवरी को पूरी होगी। उस दिन न्यायालय आरोपितों पर आरोप तय कर सकता है।

घटना की भयावहता और पुलिस कार्रवाई

घटना 2 जुलाई को हाथरस के फुलरई गांव में हुई थी, जब बाबा नारायण हरि का सत्संग आयोजित किया गया था। इस सत्संग में करीब 2.5 लाख लोग शामिल हुए थे, जिसके बाद भगदड़ मच गई और 121 लोग अपनी जान गंवा बैठे। पुलिस ने मामले में 11 आरोपितों को गिरफ्तार किया और सभी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया। आरोप पत्र में 3200 पृष्ठ हैं और इसमें 676 गवाहों के बयान भी शामिल हैं।

आरोपितों पर आरोप तय करने की प्रक्रिया

न्यायालय में शनिवार को आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने की बहस जारी थी। इस मामले में मुख्य आरोपी के रूप में देव प्रकाश मुधकर, मुकेश कुमार, मेघ सिंह, राम लढ़ेते, उपेंद्र सिंह, संजू कुमार, राम प्रकाश शाक्य, मंजू देवी, मंजू यादव, दुर्वेश कुमार, और दलवीर सिंह का नाम लिया गया है। इनमें से मंजू देवी को जमानत मिल चुकी है, जबकि बाकी आरोपित अलीगढ़ कारागार में बंद हैं।

आरोप पत्र और गवाहों की संख्या

3200 पेज का आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया गया है, जिसमें इस घटना के सभी पहलुओं की गहन जांच की गई है। पुलिस ने इस मामले में 676 लोगों को गवाह बनाया है। आरोपितों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं, और मामले की सुनवाई अब 20 जनवरी को होगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जताया था दुख

घटना के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गहरा दुख व्यक्त किया था। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री ने तत्काल ही घटनास्थल का दौरा किया और मौके पर दो मंत्री, मुख्य सचिव, और डीजीपी को भेजने के साथ-साथ गहन जांच के आदेश दिए थे।

न्यायिक प्रक्रिया और आगे की सुनवाई

शनिवार को आरोपितों की पेशी के दौरान अधिवक्ता एपी सिंह ने न्यायालय में बहस की, लेकिन यह पूरी नहीं हो सकी। अब न्यायालय ने मामले की सुनवाई की अगली तिथि 20 जनवरी तय की है, जिस दिन आरोपितों पर आरोप तय किए जा सकते हैं।

यह मामला अब राज्य और जिला प्रशासन के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुका है, और यह देखना होगा कि न्यायालय इस मामले में किस दिशा में आगे बढ़ता है।

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Prashant Singh Journalism Student University Of Lucknow.