गुरमीत राम रहीम की मुश्किलें बढ़ी, 2002 की रणजीत सिंह हत्या मामले में सीबीआई की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की एक बार फिर मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। सीबीआई ने 2002 में हुए रणजीत सिंह हत्याकांड मामले में राम रहीम और अन्य चार आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए आरोपियों से जवाब मांगा है।

Jan 3, 2025 - 16:07
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गुरमीत राम रहीम की मुश्किलें बढ़ी, 2002 की रणजीत सिंह हत्या मामले में सीबीआई की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस
नई दिल्ली, 3 जनवरी: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की एक बार फिर मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। सीबीआई ने 2002 में हुए रणजीत सिंह हत्याकांड मामले में राम रहीम और अन्य चार आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए आरोपियों से जवाब मांगा है।

सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई की अपील

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सीबीआई की अपील पर सुनवाई की और डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम और अन्य चार आरोपियों से जवाब मांगा। सीबीआई ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा 28 मई 2024 को पारित आदेश को चुनौती दी है, जिसमें राम रहीम और उनके चार सहयोगियों को रणजीत सिंह हत्या मामले में बरी कर दिया गया था। कोर्ट ने मामले में बरी किए गए आरोपियों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

क्या था मामला?

रणजीत सिंह, जो डेरा सच्चा सौदा का पूर्व सदस्य और प्रबंधक था, की हत्या 10 जुलाई 2002 को की गई थी। आरोप है कि गुरमीत राम रहीम और अन्य चार लोगों ने उस समय रणजीत की हत्या करवाई जब वह अपने गांव के पास खेत में काम कर रहे थे। हालांकि, पुलिस जांच के दौरान सभी आरोपियों को क्लीन चिट दे दी गई थी, लेकिन बाद में इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई।

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट का निर्णय

साल 2024 में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले को पलटते हुए गुरमीत राम रहीम और अन्य चार आरोपियों को बरी कर दिया था। इस फैसले के बाद सीबीआई ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सीबीआई का कहना था कि मामले में पर्याप्त सबूत मौजूद थे, और आरोपियों को सजा मिलनी चाहिए थी।

पंचकूला की विशेष अदालत का फैसला
इससे पहले पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत ने गुरमीत राम रहीम और उनके चार सहयोगियों को हत्या के मामले में दोषी करार दिया था। अदालत ने सभी दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई और साथ ही 31 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। यह मामला उस समय चर्चा में आया था जब राम रहीम को साध्वी यौन शोषण मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद गिरफ्तार किया गया और वह इस समय रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहे हैं।

सीबीआई की अपील पर अब क्या होगा अगला कदम?

सुप्रीम कोर्ट के द्वारा सीबीआई की अपील पर नोटिस जारी किया गया है और अब अदालत में सुनवाई जारी रहेगी। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि राम रहीम और उनके साथियों की मुश्किलें अभी खत्म नहीं हुई हैं, और आगामी सुनवाई में अदालत का निर्णय इस मामले की दिशा तय करेगा। सुप्रीम कोर्ट का यह कदम राम रहीम और उनकी समर्थकों के लिए एक नई चुनौती हो सकता है। हालांकि, यह मामला अदालत में लंबित है और इसके परिणाम आने में समय लगेगा।

गुरमीत राम रहीम की सजा और उसकी कानूनी पेचिदगियों को लेकर अब देशभर में तवज्जो दी जा रही है, और आगामी दिनों में इस मामले में और भी घटनाक्रम सामने आ सकते हैं।

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Prashant Singh Journalism Student University Of Lucknow.